
थायराइड क्या है?
थायराइड शरीर का एक प्रमुख एंडोक्राइन ग्लैंड है जो तितली के आकार का होता है एवं गले में स्थित है। इसमें थायराइड हार्मोन का स्त्राव होता है। जो हमारे मेटाबॉलिज्म दर को संतुलित करता है। थायराइड ग्लैंड से आयोडीन लेकर इन्हें बनाते हैं। यह हार्मोन मेटाबॉलिज्म में को बनाए रखने के लिए जरूरी होती है। थायराइड हार्मोन का स्त्राव जब असंतुलित हो जाता है तो शरीर की समस्त भीतरी कार्य प्रणाली अव्यवस्थित हो जाती है।
थायराइड के प्रकार –
1. हाइपो थायराइड –
इसमें थायराइड ग्लैंड सक्रिय नहीं होता जिससे शरीर में आवश्यकतानुसार टी. थ्री व टी. फोर हार्मोन नहीं पहुंच पाता है। इस स्थिति में बजन में अचानक वृद्धि हो जाती है। सुस्ती महसूस होती है। रोजाना की गतिविधियों में रुचि कम हो जाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। पैरों में सूजन व ऐंठन की शिकायत हो जाती है। चलने में दिक्कत होती है। ठंड बहुत महसूस होती है। कब्ज होने लगती है। चेहरा व आंखें सूज जाती है। मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। त्वचा सूखी व बाल बेजान होकर झड़ने लगते हैं। रोगी तनाव व अवसाद से घिर जाते हैं। और बात बात में भावुक हो जाते है। आवाज रूखी व भारी हो जाती है।
2. हाइपर थायराइड –
इसमें थायराइड ग्लैंड ज्वादा सक्रिय हो जाता है। और टी. थ्री, टी. फोर हार्मोन अधिक मात्रा में निकलकर रक्त में घुलनशील हो जाता है। इस स्थिति में बजन अचानक कम हो जाता है। भूख में वृद्धि होती है। रोगी गर्मी सहन नहीं कर पाते। अत्यधिक पसीना आता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। हाथ कांपते हैं। और आंखें उनीदी रहती है। निराशा हावी हो जाती है। धड़कन बढ़ जाती है।नींद नहीं आती। मासिक स्त्राव ज्वादा एवं अनियमित हो जाता है। गर्भपात के मामले सामने आते हैं। हाइपर थायराइड 20 साल की महिलाओं में ज्वादा होता है।
अखरोट – अखरोट में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है। जो थायराइड की समस्याओं के उपचार में फायदे जो थायराइड की समस्याओं के उपचार फायदेबंद है। अखरोट के सेवन से थायराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
दूध और दही – दूध और दही में विटामिन ,खनिज, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। दही खाने से शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ती है। दूध और दही का सेवन थायराइड रोगियों के लिए काफी मददगार होता है।
फल और सब्जियां – फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट का प्राथमिक स्रोत होती है। जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। सब्जियों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां थायराइड ग्रंथि के लिए लाभकारी होती है। साथ ही रोगी को फलों का भी सेवन करना चाहिए।
अंडे – अंडे भी विटामिन ए के साथ-साथ आयोडीन की भी बहुत मात्रा होती है। इसके अलावा अंडे में प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में होता है। प्राकृतिक अमीनो एसिड के जरिए प्रोटीन आपके थायराइड के लिए बहुत अच्छा होता है।